आत्म निरीक्षण
जीवन में उन्नति के लिए जरुरी है कि प्रत्येक आदमी प्रतिदिन अपने जीवन का आत्म-निरिक्षण करे| वह कम-से-कम सोने से पहले अपने दिन-भर के कामों का लेखा-जोखा करे| वह देखे कि दिन-भर में मैंने कौन-सी भूलें की?
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अगली बार मैं इन भूलों को कैसे दूर कर सकता हूँ? इसी के साथ यह भी देखें कि आत्म-विकास की दिशा में आप अपना एक कदम कैसे बढ़ा सकते हो? जीवन में कायर से कायर, हीन से हीन व्यक्ति इस गुण को अपनाकर आगे बढ़ सकता है|
संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना में एक सैनिक अधिकारी था- कप्तान जान कैलेंडर| उसने एक लड़ाई में शत्रु के सामने बड़ी कायरता दिखाई| अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन ने इस अधिकारी के विरुद्ध फौजी अदालत द्वारा कोर्ट मार्शल का आदेश दिया| कप्तान कैलेंडर ने अपने कप्तान के पद से इस्तीफा दे दिया| वह फौज से पुनः एक सामान्य सिपाही के रुप में भर्ती हो गया और अगली ही लड़ाई में उसने अपूर्व साहस और वीरता का प्रदर्शन किया| राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन उसके शौर्य से प्रसन्न हो गए| उन्होंने कैलेंडर को न सिर्फ़ माफ़ी दी, बल्कि उसे उसके पहले पद पर भी नियुक्त कर दिया|
कैलेंडर की इस उन्नति का एकमात्र कारण अपनी भूल को मानकर आत्म-विकास की दिशा में बढ़ने का दृढ़ निश्चय ही था| महर्षि रमण ने ठीक ही कहा है- “इस संसार में तीन चीजें अत्यंत कठोर हैं- फौलाद, हीरा और आत्म-निरक्षण|”
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि प्रत्येक मनुष्य को रोजाना रात्रि के समय अपनी अच्छाइयों व बुराइयों का आत्म-निरीक्षण अवश्य कर लेना चाहिये|