बुरी संगति का दण्ड – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक किसान ने पक्षियों को पकड़ने के लिए अपने खेत में जाल बिछाया| जाल में बहुत से पक्षी फंसे| फंसे हुए पक्षियों में जंगली कौए तो थे ही, बेचारा एक कबूतर भी फंसा पड़ा था|
वह बेचारा लगा किसान की मिन्नतें करने – “ओह, मालिक आपने इन कौओं के साथ मुझे क्यों पकड़ लिया? कृपया मुझे छोड़ ही दीजिए| आप तो जानते हैं, मैं एक हानिरहित सीधा-साधा पक्षी हूं| मैं समझता हूं कि आप अपने बच्चे मित्र को हानि नहीं पहुंचाना चाहेंगे|”
“मैं अच्छी तरह समझता हूं|” किसान बोला – “मैं जानता हूं कि तुम किसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते| तुम उनके मित्र हो, मगर तुम्हें एक बात नहीं भूलनी चाहिए| अगर तुम बुरी संगत में रहोगे तो तुम्हें भी उसका दण्ड भुगतना पड़ेगा|”
अब कबूतर को अपनी गलती का एहसास हुआ, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी|
शिक्षा: बुरी संगत से बचो, इसका फल भी बुरा होता है|