बुद्धिमान बच्चा – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक बकरा-बकरी जब चरने के लिए जाने लगे तो बकरे ने अपने बच्चों से कहा कि जब वह शाम को वापस आएं और जब मैं ऐसे कहूं – “बोनी, टोनी, पिंकी, मिंकी! दरवाजा खोलो| मैं तुम्हारे लिए भोजन लाया हूं| तभी दरवाजा खोलना|” यह कहकर वह किसी हरे-भरे जंगल में चले गए|
एक भेड़िया वहीं कहीं पास ही छुपा हुआ सारी बातें सुन रहा था| वह तुरंत दरवाजे पर गया और बकरे की आवाज की नकल करता हुआ बोला – “बोनी, टोनी, पिंकी, मिंकी! दरवाजा खोलो – मैं तुम्हारे लिया भोजन लाया हूं|”
एक बच्चे को भेड़िए की खरखराती आवाज सुनकर शक हो गया| उसने खिड़की से झांककर देखा| बाहर भेड़िया खड़ा था| उसने भेड़िए से कहा – “काफी, अच्छी नकल उतारी है तुमने हमारे पिता की! मगर तुम दाढ़ी लगाना भूल गए| तुम्हें मालूम नहीं कि बकरे की दाढ़ी भी होती है| अगली बार दाढ़ी लगाकर आना| मैं दरवाजा खोल दूंगा|”
जब भेड़िए को अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह चुपचाप वहां से चला गया|
शिक्षा: नकल के लिए अक्ल का इस्तेमाल करो|