अपनी क्षमता पहचानो – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक विशाल बरगद के पेड़ पर हजारों पक्षी सभा करने के लिए एकत्रित हुए| विषय था – “पक्षियों की रानी कौन हो?”
रानी बनने की कई शर्तें थीं| जैसे –
हमारी रानी शक्तिशाली और तेज हो|
उसकी दृष्टि तीव्र हो और उसके भीतर सभी पक्षियों को बड़ी से बड़ी मुसीबतों से बचाने की भी क्षमता होनी चाहिए|
ये शर्तें सभी पक्षियों को भी मान्य थीं|
अंत में, एक उकाब को पक्षियों की रानी चुना गया| उकाब की इच्छा थी कि उसकी प्रजा के अत्यधिक आकर्षक और सुन्दर पक्षी उसके चारों ओर एकत्र हों ताकि वह उन्हें अपने दरबार में उच्च पद दे सके| इसलिए उकाब ने सभी पक्षियों को अपने-अपने बच्चे पेश करने की आज्ञा दी ताकि वह उनमें से अपनी पसंद के बच्चों को छांट सके|
हर पक्षी अपने बच्चे लेकर अपनी महारानी की सेवा में उपस्थित हुआ| सभी अपने बच्चों की प्रशंसा कर रहे थे तथा अपने को शाही परिवार से संबंधित बता रहे थे|
जब सभी पक्षीगण अपनी-अपनी संतान तथा अपनी प्रशंसा कर चुके तो बारी आई उल्लू की| मादा उल्लू अपनी गोल-गोल आंखें नचाती हुई अपनी महारानी के सामने उपस्थित हुई और चहचहा कर बोली – “महारानी, यदि आपको सुंदर मुखड़े, आकर्षक शरीर, सुंदर सजीले आचार, विचार तथा मधुर स्वर की तलाश है तो कृपया मेरे बच्चों को देखें| वे प्रतियोगिता में सभी से आगे रहेंगे और प्रथम स्थान में विजयी होंगे|”
मादा उल्लू ने अपने पीछे पलकें झपकाते हुए एक पंक्ति से बैठे अपने बच्चों की ओर इशारा किया|
पूरे दरबार में हंसी का ठहाका गूंज गया| महारानी ने एक क्षण व्यर्थ नष्ट किए बिना अगले अभ्यर्थी के लिए आवाज लगाई|
शिक्षा: व्यक्ति को अपनी क्षमता पहचान कर अपने स्थान पर रहना चाहिए|