तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे, हाये प्राण तुम्हीं को ध्याएँ
तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे,हाये प्राण तुम्हीं को ध्याएँ
मोहे झलक दिखादो साँई मोहे झलक दिखादो साँई
याद बड़ी तड़पाए रे
तुम सागर ठहरे………………
आकुल-व्याकुल नैन हैं,सूने हैं दिन रैन रे – 2
साँई के दर का कोई,साँई के दर का कोई रस्ता तो बतलाए रे
तुम सागर ठहरे………………
श्र्द्धा और सबूरी का देते तुम संदेश रे,
श्रद्धा और सबूरी का देते तुम संदेश
भक्ति के रस में प्रभु भक्ति के रस में प्रभु तन मन घुलता जाए रे
तुम सागर ठहरे…………
शिरडी वाले साँई की महिमा अपरम्पार रे – 2
सूरज तुझसे पूछकर,सूरज तुझसे पूछकर चढ़ता ढलता जाए रे
तुम सागर ठहरे……………
पत्थर पूजन से नहीं मिलते तुम चितचोर रे
पत्थर पूजन से नहीं मिलते तुम चितचोर रे
मौसम पर मौसम मेरा मौसम पर मौसम मेरा खाली बीता जाए रे
तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे
हाए प्राण तुम्हीं को ध्यावें – 2
मोहे झलक दिखादो साँई – 2
याद बड़ी तड़पाए रे तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे
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