Homeआध्यात्मिक न्यूज़सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग ज्ञान से ही ईश्वर को जाना जा सकता है

सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग ज्ञान से ही ईश्वर को जाना जा सकता है

सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग ज्ञान से ही ईश्वर को जाना जा सकता है

लखनऊ, 6 अक्टूबर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि जिस प्रकार हम सभी विषयों को जानने के लिए ज्ञान अर्जित करते हैं, उसी प्रकार हमें ईश्वर को जानने व पहचानने के लिए भी ज्ञान की आवश्यकता होती है। ईश्वर को जानने के लिए उनके बताये हुए रास्ते पर चलना बहुत आवश्यक है। डा. भारती गाँधी ने आगे कहा कि ईश्वर के अवतार राम, कृष्ण, मोहम्मद, ईसा, बुद्ध, महावीर वगैरह अपने आपने युगों में आये और एक ही शिक्षा दी कि ईश्वर एक है, मानवजाति एक है। मनुष्य के लिए आवश्यक है कि वह सम्पूर्ण मानवजाति से प्रेम करे और एकता तथा शान्ति से मिलजुलकर रहें। एक ऐसा युग आयेगा जब लोग एकता एवं शान्ति के पथ पर चलेंगे। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मुझे भजो, जिससे तुम्हें मुक्ति प्राप्त होगी। जो अधर्मी व अहंकारी हैं, उनका विनाश निश्चित है। इससे पहले, सी.एम.एस. शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत सुमधुर भजनों से विश्व एकता सत्संग का शुभारम्भ हुआ, जिन्होंने बहुत ही सुमधुर भजन सुनाकर सम्पूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर कर दिया।

विश्व एकता सत्संग में आज विभिन्न धर्मों के अनुयाइयों ने अपने-अपने विचार रखे। इस्लाम धर्म के श्री एच. के. आब्दी ने कहा कि सच्चाई के रास्ते को तलाश करें और ईश्वर के बताये हुए रास्ते पर चलें। मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। इसी प्रकार, सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस के पूर्व छात्र सुयश ने कहा कि सत्संग व भजन से जो आनन्द प्राप्त होता है, उसी आनन्द में ईश्वर है और राम की कृपा के बिना सत्संग संभव नहीं है। इसी प्रकार अनेक विद्वजनों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सत्संग का समापन संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

(हरि ओम शर्मा)
मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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