Homeआध्यात्मिक न्यूज़सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से किया वृक्षारोपण

सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से किया वृक्षारोपण

सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से किया वृक्षारोपण

लखनऊ, 6 जुलाई। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने आज अपने स्कूल के समीप जापानी तकनीक ‘मियावाकी’ से बड़े उल्लास व उमंग से वृक्षारोपण किया एवं प्रकृति प्रदत्त धरती को हरा-भरा व खुशहाल बनाने का संदेश दिया। इस अवसर पर छात्रों की खुशी देखते ही बनती थी, जिन्होंने बड़े उत्साह से पोघे रोपे, उनकी निराई-गुड़ाई कर पानी दिया एवं इन पौघों के बड़े होने की कामना की। इस अवसर पर सी.एम.एस. के डायरेक्टर आफ स्ट्रेटजी श्री रोशन गाँधी, सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा, पर्यावरणविद् सुश्री शुभि सचान व विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं आदि उपस्थित थे।

सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से किया वृक्षारोपण

सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से किया वृक्षारोपण

वृक्षारोपण के अवसर पर पर्यावरणविद् सुश्री शुभि सचान ने सी.एम.एस. छात्रों ने जापानी ‘मियावाकी’ तकनीक से वृक्षारोपण कराया। इस तकनीक से 8-10 वर्षों में फल देने वाले वृक्ष मात्र 3 से 4 वर्षों में ही फल देने लगते हैं। सुश्री सचान ने बताया कि मियावाकी एक उत्कृष्ट जापानी तकनीक है, जिसमें पेड़ प्राकृतिक रूप से तेजी से बढ़ते हैं, अतः यह पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी है।

इस अवसर पर सी.एम.एस. के डायरेक्टर आफ स्ट्रेटजी श्री रोशन गाँधी ने कहा कि यह बड़े ही प्रसन्नता की बात है कि सी.एम.एस. छात्रों को पर्यावरण के प्रति बेहद जागरूक हैं एवं पर्यावरण, स्वच्छता, जल संरक्षण, उर्जा संरक्षण इत्यादि में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं। सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने कहा कि पर्यावरण संवर्धन हेतु लोगों के विचारों एवं जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन बहुत जरूरी है। पर्यावरण की समस्या किसी एक राष्ट्र की नहीं वरन समस्त विश्व की है और यह सारी मानवजाति को प्रभावित करती हैं। प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और इनका इस्तेमान बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।

(हरि ओम शर्मा)
मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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