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रानी इन्दुमती, काशी में कपड़ा बुनकर अपनी जीविका कमानेवाले सन्त कबीर की अनन्य भक्त थी| जब कबीर साहिब रानी इन्दुमती को सचखण्ड ले गये तो उसने देखा कि वहाँ भी वही कबीर साहिब कुल-मालिक हैं|

एक बार राज भरथरी ने अपने महलों में एक सती की तारीफ़ की, जिसने अपने पति के साथ जलकर जान दे दी थी, क्योंकि उन दिनों भारत के कुछ भागों में सती प्रथा जारी थी|

जेलख़ाने में क़ैदियों की बुरी हालत देखकर एक परोपकारी आता है और यह सोचकर कि इनको ठण्डा पानी नहीं मिलता, दस-बीस बोरियाँ चीनी की लाकर और कुछ बर्फ़ मिलाकर ठण्डा शरबत पिलाकर उनको ख़ुश कर जाता है|

दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:. दीपोहरतिमे पापम संध्यादीपम नामोस्तुते॥ ज्योतिषशास्त्र में ऐसी परंपराएं चली आ रही हैं, जिनके पीछे तात्त्विक व वैज्ञानिक रहस्य छिपा है।