भेड़िया और कुत्ता – शिक्षाप्रद कथा
किसी जंगल में एक भेड़िया रहता था| एक बार उसे कई दिनों तक भोजन नहीं मिला| बेचारा दुबला और कमजोर हो गया|
किसी जंगल में एक भेड़िया रहता था| एक बार उसे कई दिनों तक भोजन नहीं मिला| बेचारा दुबला और कमजोर हो गया|
पुराने जमाने की बात है| किसी गांव में एक गधा रहता था| उसका मालिक उस पर बहुत अधिक बोझ लादता था और आसपास के बाजारों में ले जाकर बेचता था|
बहुत समय पहले की बात है| जंगल का राजा शेर बूढ़ा होकर काल के गाल में समा गया| राजा की मृत्यु के बाद जंगल के सभी जानवरों ने नया राजा चुनने के लिए एक सभा की|राजा बनने के लिए बहुत से जानवर उतावले थे, मगर कोई भी इस पद के योग्य नहीं पाया गया|
एक समय की घटना है कि बहुत बड़ी संख्या में खरगोश एक स्थान पर एकत्रित हुए और उन्होंने अपने कष्टपूर्ण जीवन के विषय में विचार-विमर्श किया|
एक बुद्धिमान लवा पक्षी का परिवार पके धान के खेतों में रहता था| उनका घोंसला बहुत आरामदेह था| परिवार में सभी सदस्यों में अथाह प्रेम था|
किसी नगर में एक धनवान व्यक्ति रहता था| उसके पास अपार भू-सम्पत्ति थी| परंतु वह बेहद कंजूस था| पदार्थों में सबसे कीमती पदार्थ सोना तो उसे बेहद प्रिय था| सोने की यह प्यास उसमें इतनी बढ़ी कि उसने अपनी जमीन-जायदाद बेचकर सोने के बिस्कुट खरीद लिए|
एक बार एक शिकारी ने एक चमगादड़ को पकड़ लिया| वह उसे मारकर खाने ही चला था कि चमगादड़ चिंचिया कर बोला – “कृपया मेरी जान बख्श दो! मेरे छोटे-छोटे बच्चे घर पर मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे| मुझ पर दया करो|”
एक बार पक्षियों का एक झुण्ड किसी खेत के ऊपर से उड़ता हुआ जा रहा था| उसी झुण्ड में एक अबाबील भी थी| कहते हैं कि अबाबील एक दूरदर्शी पक्षी है| पक्षियों ने किसान को खेत में बीज बोते देखा|
एक समय की बात है, सूर्य और हवा में यह बहस छिड़ गई कि उन दोनों में कौन अधिक शक्तिशाली है| हवा ने सूर्य से कहा – “मैं तुमसे अधिक शक्तिशाली हूं|”