भाग्य और कर्मफल – शिक्षाप्रद कथा
रामदीन बेहद गरीब था| बचपन से आज तक का उसका जीवन अभावों में ही बीता था| समय के साथ माता-पिता छोड़ गए, किन्तु गरीबी ने नहीं छोड़ा| शादी हो गई, बच्चे हो गए|
रामदीन बेहद गरीब था| बचपन से आज तक का उसका जीवन अभावों में ही बीता था| समय के साथ माता-पिता छोड़ गए, किन्तु गरीबी ने नहीं छोड़ा| शादी हो गई, बच्चे हो गए|
गौरेया और उसकी पत्नी एक घने जंगल में पीपल के पेड़ पर रहते थे| इस पेड़ पर इतने अधिक पत्ते थे कि वे गर्मी, सर्दी तथा वर्षा से भी बचे रहते थे|
एक राजा के शयन कक्ष में एक जूं रहती थी| वह राजा का स्वादिष्ट खून पी-पीकर खूब आनन्द ले रही थी|
नन्दन वन में एक भयानक काला सांप रहता था| युवावस्था में उसने पूरे वन में आतंक मचा रखा था| किन्तु कालचक्र के अनुसार अब वह बूढ़ा हो चुका था|
सुन्दर वन नामक जंगल में एक शेर रहता था| एक दिन उसे बहुत भूख लगी तो वह आसपास किसी जानवर की तलाश करने लगा|
एक बार भूख से दुःखी एक गीदड़ जंगल से निकलकर गांव की ओर आ गया| उसने सोचा गांव में कुछ न कुछ खाने की अवश्य मिल जाएगा|
मधुपुर नामक जंगल में एक शेर रहता था जिसके तीन मित्र थे, जो बड़े ही स्वार्थी थे| इनमें थे, गीदड़, भेड़िया और कौआ|
एक गांव में चूहों का आतंक छाया हुआ था| हजारों चूहे थे उस गांव में| उनकी तादाद इतनी अधिक थी कि आसपास के गांव वाले उस गांव को चूहों वाला गांव कहकर पुकारते थे|
दो शिकारी जब सारा दिन जंगल में घूमते-फिरते थक गए तो एक पुराने तालाब के किनारे आकर आराम करने के लिए बैठ गए|
घोड़े पहले दूसरे जंगली जानवरों की भांति जंगलों में रहा करते थे| दूसरे जानवरों की भांति उनका भी शिकार होता था|