Home2018September (Page 28)

एक पुराना मन्दिर था| दरारें पड़ी थीं| खूब जोर से वर्षा हुई और हवा चली| मन्दिर बहुत-सा भाग लड़खड़ा कर गिर पड़ा| उस दिन एक साधु वर्षा में उस मन्दिर में आकर ठहरे थे|

एक ग्राम में एक लड़का रहता था| उसके पिता ने उसे पढ़ने काशी भेज दिया| उसने पढ़ने में परिश्रम किया| ब्राह्मण का लड़का था, बुद्धि तेज थी|

विलायत में अकाल पड़ गया| लोग भूखे मरने लगे| एक छोटे नगर में एक धनी दयालु पुरुष थे| उन्होंने सब छोटे लड़कों को प्रतिदिन एक रोटी देने की घोषणा कर दी|

एक डॉक्टर साहब हैं| खूब बड़े नगर में रहते हैं| उनके यहाँ रोगियों की बड़ी भीड़ रहती है| घर बुलाने पर उनको फीस के बहुत रुपये देने पड़ते हैं|

एक राजा के चार लड़के थे| राजा ने उनको बुलाकर बताया कि ‘जो सबसे बड़े धर्मात्मा को ढूँढ़ लायेगा, वही राज्य का अधिकार पायेगा|’

एक डाकू था| डाके डालता, लोगों को मारता और उनके रुपये, बर्तन, कपड़े, गहने लेकर चम्पत हो जाता| पता नहीं, कितने लोगों को उसने मारा| पता नहीं कितने पाप किये|

जापान में एक साधारण चरवाहा था| उसका नाम था मूसाई| एक दिन गायें चरा रहा था| एक बगुला उड़ता आया और उसके पैरों के पास गिर पड़ा| मूसाई ने बगुले को उठा लिया|

एक बूढ़े आदमी थे| गंगा-किनारे रहते थे| उन्होंने एक झोपड़ी बना ली थी| झोपड़ी में एक तख्ता था, जल से भरा मिट्टी का एक घड़ा रहता था और उन्होंने एक कछुआ पाल रखा था|