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पाकिस्तान के प्रति भारत अपना मानवीय कर्तव्य निभाने से कभी पीछे नहीं रहता। एक बार फिर भारत ने पाकिस्तानी बच्ची के साथ पवित्र रिश्ता निभाकर यह साबित भी कर दिया है। नोएडा के सेक्टर 12 में स्थित फोर्टिस अस्पताल ने लिवर की बीमारी से पीड़ित पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के हैदराबाद की रहने वाली सात वर्षीय अनाबिया के माता-पिता के पास इलाज के पूरे पैसे न होने के बावजूद आर्गन ट्रांसप्लांट कर उसे नई जिंदगी दी है। फोर्टिस अस्पताल के डाॅ. विवेक विज ने मानवीय फर्ज निभाने की मिसाल प्रस्तुत की है। यह पहल चिकित्सा जगत को अधिक से अधिक मानवीय बनने की सीख देती है। धरती में पलने वाला प्रत्येक जीवन अनमोल है। हमें किसी भी कीमत पर जीवन को बचाने के लिए सदैव आगे आना चाहिए। डाॅ. विवेक विज जैसे चिकित्सकों के मानवीय प्रयासों पर ही मानव जाति की उम्मीद और विश्वास टिका है। 

भूख तथा गरीबी हटाने में काला धन सबसे बड़ी बाधा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मानव समाज एवं मानव जीवन में सुचिता लाने के लिए 500 तथा 1000 के नोट्स पर 8 नवम्बर की रात्रि को प्रतिबन्ध लगाकर गरीबी, आतंकवाद, काला धन, नकली नोट तथा भ्रष्टाचार के स्त्रोत पर जबरदस्त प्रहार करके एक सशक्त तथा भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र का निर्माण करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकोनामी में एक ‘ब्राइट स्पाॅट’ अर्थात चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है कि यह दावा सरकार कर रही है, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फंड और वल्र्ड बैंक से गूंज रही है। एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले विश्व के देशों में सबसे आगे हैं। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवंे नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम 76वें नंबर पर पहुंच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और कालेधन का जाल कितने व्यापक रूप से देश में बिछा है।

काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पहारी, स्वयंसेवी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।। (भावार्थ – 1. जिस प्रकार कौआ ने मटके में मनोयोगपूर्वक एक-एक कंकड़ डालकर अपनी प्यास बुझाने में सफलता प्राप्त की, 2. बगले की तरफ केवल अपने लक्ष्य पर पूरी एकाग्रता, 3. कुत्ते की तरह सर्तक होकर सोना, 4. हल्का सुपाच्य भोजन करना तथा 5. अपने कार्य स्वयं करने वाला। ये विद्यार्थी के पांच गुण हैं।) 

श्री किरीट भाईजी ने सृष्टि और निर्माता को समझने के लिए ज्ञान का प्रकाश प्रज्वलित किया है, ताकि भीतर से बुरे को दूर किया जा सके और बाहर की खुशी की चमक हो सके।

भारत की पवित्र भूमि में, जब धर्म की हानि, बुराइयों और धर्म के खिलाफ समाज का संचालन करना शुरू हो गया, तो महान संत, दार्शनिक और सामाजिक सुधारक पृथ्वी पर पैदा हुए, जो एक निष्क्रिय चेतना के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान करता है।

श्री सतपाल जी महाराज का जन्म 21 सितंबर, 1951 को, परमशंस सतगुरुदेव श्री हंस जी महाराज को हुआ था। एक प्रबुद्ध योगी के परिवार में अपने जन्म के कारण और अपनी अंतर्निहित प्रवृत्तियों के साथ भी उनकी आध्यात्मिक विकास बहुत ही कम उम्र से शुरू हुई।

डाॅ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व सम्मोहक तथा बहुपक्षीय था। उनका महत्त्व रामेश्वरम् के एक अनजान ग्रामीण लड़के से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा तक सीमित नहीं थी। वह बचपन से ही मानवीयता तथा आध्यात्मिकता से प्रेरित रहे। उन्होंने अपने जीवन में सपनों को साकार करने का प्रयत्न किया और सफलता ने उनका दामन नहीं छोड़ा। ‘मिसाइल पुरुष’ नाम से प्रख्यात् डाॅ0 कलाम सन् 2020 तक भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाना चाहते थे। वह हमेशा आकाश की ऊँचाईयों तक पहुँचने के इच्छुक रहे। वे समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ विशेषरूप से बच्चों के मस्तिष्क को प्रज्वलित करने के लिए जीवनपर्यन्त प्रयत्नशील रहे।

यह घटना अंग्रेजी शासन काल की है| प्रसिद्ध काकेरी षड्यंत्र कांड के माध्यम से विदेशी अंग्रेजी शासन से जुझने वाले सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी श्री रामप्रसाद बिस्मिल के जीवन-निर्माण में महर्षि दयानंद सरस्वती और आर्यसमाज का यजस्वी योगदान रहा है|

मानव सभ्यता के नव निर्माण के लिए आते हैं दिव्य अवतार:-

यह पृथ्वी करोड़ों वर्ष पुरानी है। इस पृथ्वी का जीवन करोड़ों वर्ष का है क्योंकि जब से सूरज का जीवन है तब से मनुष्य का जीवन है। भारत की सभ्यता सबसे पुरानी है। आज मनुष्य का जीवन बहुत ही सुनियोजित एवं वैज्ञानिक ढंग से चल रहा है। यहाँ पर जो प्रथम मानव उत्पन्न हुआ वो बिठूर में गंगा जी के घाट के पास उत्पन्न हुआ। बिठूर में गंगा जी के पास एक छड़ी लगी हुई है जो कि यह इंगित करती है कि मनु और शतरूपा यही पर उत्पन्न हुए थे। मनुष्य चाहे पहले कंदराओं में रहता हो चाहे कृषि युग में रहता हो या किसी अन्य युग में सभी युगों में कोई न कोई मार्गदर्शक मानव सभ्यता का नव निर्माण करने के लिए आये।

(1) मानव जीवन अनमोल उपहार है:-

आज के युग तथा आज की परिस्थितियों में विश्व मंे सफल होने के लिए बच्चों को टोटल क्वालिटी पर्सन (टी0क्यू0पी0) बनाने के लिए स्कूल को जीवन की तीन वास्तविकताओं भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक शिक्षायें देने वाला समाज के प्रकाश का केन्द्र अवश्य बनना चाहिए। टोटल क्वालिटी पर्सन ही टोटल क्वालिटी मैनेजर बनकर विश्व में बदलाव ला सकता है। उद्देश्यहीन तथा दिशाविहीन शिक्षा बालक को परमात्मा के ज्ञान से दूर कर देती है। उद्देश्यहीन शिक्षा एक बालक को विचारहीन, अबुद्धिमान, नास्तिक, टोटल डिफेक्टिव पर्सन, टोटल डिफेक्टिव मैनेजर तथा जीवन में असफल बनायेगी। तुलसीदास जी कहते है – ‘‘बड़े भाग्य मानुष तन पावा। सुर दुर्लभ सदग्रंथनि पावा।। अर्थात बड़े भाग्य से, अनके जन्मों के पुण्य से यह मनुष्य शरीर मिला है। इसलिए हम इसी पल से सजग हो जाएं कि यह कहीं व्यर्थ न चला जाये। हिन्दू धर्म के अनुसार 84 लाख पशु योनियों में जन्म लेने के बाद अपनी आत्मा का विकास करने के लिए एक सुअवसर के रूप में मानव जन्म मिला है। यदि मानव जीवन में रहकर भी हमने अपनी आत्मा का विकास नहीं किया तो पुनः 84 लाख पशु योनियों में जन्म लेकर उसके कष्ट भोगने होंगे। यह स्थिति कौड़ी में मानव जीवन के अनमोल उपहार को खोने के समान है। यह सिलसिला जन्म-जन्म तक चलता रहता है।