अध्याय 238
1 [वयास]
परकृतेस तु विकारा ये कषेत्रज्ञस तैः परिश्रितः
ते चैनं न परजानन्ति स तु जानाति तान अपि
1 [वयास]
परकृतेस तु विकारा ये कषेत्रज्ञस तैः परिश्रितः
ते चैनं न परजानन्ति स तु जानाति तान अपि
कब्ज छोटे-बड़े सभी लोगों को हो जाता है| इसमें खाया हुआ भोजन शौच के साथ बाहर नहीं निकलता| वह आंतों में सूखने लगता है| मतलब यह कि आंतों में शुष्कता बढ़ने के कारण वायु मल को नीचे की तरफ सरकाने में असमर्थ हो जाती है| यही कब्ज की व्याधि कहलाती है|
1 [सूत]
शप्तस तु भृगुणा वह्निः करुद्धॊ वाक्यम अथाब्रवीत
किम इदं साहसं बरह्मन कृतवान असि सांप्रतम
“Bhishma said, ‘Then that best of Rishis, viz., the regenerate Rishabha,sitting in the midst of all those Rishis, smiled a little and said thesewords:
प्राचीन काल में सुधन्वा नाम के एक राजा थे। वे एक दिन आखेट के लिये वन गये। उनके जाने के बाद ही उनकी पत्नी रजस्वला हो गई। उसने इस समाचार को अपनी शिकारी पक्षी के माध्यम से राजा के पास भिजवाया। समाचार पाकर महाराज सुधन्वा ने एक दोने में अपना वीर्य निकाल कर पक्षी को दे दिया। पक्षी उस दोने को राजा की पत्नी के पास पहुँचाने आकाश में उड़ चला। मार्ग में उस शिकारी पक्षी को एक दूसरी शिकारी पक्षी मिल गया।
1 शरीभगवान उवाच
मय्य आसक्तमनाः पार्थ यॊगं युञ्जन मदाश्रयः
असंशयं समग्रं मां यथा जञास्यसि तच छृणु
“Sanjaya said, ‘During the progress of that battle between Karna and theRakshasa, the valiant Alayudha, that prince of Rakshasa, appeared (on thefield).
“Kichaka said, ‘O thou of tresses ending in beautiful curls, thou artwelcome. Surely, the night that is gone hath brought me an auspiciousday, for I have got thee today as the mistress of my house. Do what isagreeable to me.
“Vasudeva said,–‘Arjuna hath indicated what the inclination should be ofone that is born in the Bharata race, especially of one who is the son ofKunti. We know not when death will overtake us, in the night or in theday.