सौंवा दरवाजा
दो राजाओं में युद्ध हुआ| एक जीता, दूसरा हारा| विजयी राजा ने हारे हुए राजा के किले को घेरकर उसके सभी विश्वासपात्र अधिकारियों को कैद कर लिया|
दो राजाओं में युद्ध हुआ| एक जीता, दूसरा हारा| विजयी राजा ने हारे हुए राजा के किले को घेरकर उसके सभी विश्वासपात्र अधिकारियों को कैद कर लिया|
“Sanjaya said, ‘Beholding the troops crushed with arrows in thatencounter between Karna and Arjuna, Shalya proceeded, filled with wrath,on that car divested of equipment.
किसी वन में तमाल के वृक्ष पर घोंसला बनाकर चिड़ा और चिड़िया रहा करते थे| समय पाकर चिड़िया ने अण्डे दिए और जब एक दिन चिड़िया अण्डे से रही थी तथा चिड़ा उसके समीप ही बैठा था तो एक मदोन्मत हाथी उधर से आ निकला| धूप से व्याकुल होने के कारण वह वृक्ष की छाया में आ गया ओर उसने अपनी सूंड से उस शाखा के ही तोड़-मरोड़ दिया जिस पर उनका घोंसला था| इससे चिड़ा ओर चिड़िया तो किसी तरह उड़कर बच गए किन्तु घोंसला नीचे गिर जाने से उसमें रखे अण्डे चूर-चूर हो गए|
“Chyavana said, ‘I should certainly, O chief of men, tell you everythingabout the circumstance for which, O monarch, I came hither forexterminating thy race.
“Yudhishthira said, ‘I wish, O sire, to hear the settled conclusions onthe subject of Virtue, Wealth, and Pleasure. Depending upon which ofthese does the course of life proceed? What are the respective roots ofVirtue, Wealth, and Pleasure? What are again the results of those three?They are sometimes see n to mingle with one another, and sometimes toexist separately and independently of one another.’
1 [वयास]
सृजते तु गुणान सत्त्वं कषेत्रज्ञस तव अनुतिष्ठति
गुणान विक्रियतः सर्वान उदासीनवद ईश्वरः
एक बार नारदजी एक पर्वत से गुजर रहे थे। अचानक उन्होंने देखा कि एक विशाल वटवृक्ष के नीचे एक तपस्वी तप कर रहा है। उनके दिव्य प्रभाव से वह जाग गया और उसने उन्हें प्रणाम करके पूछा कि उसे प्रभु के दर्शन कब होंगे।