अध्याय 36
1 [स]
तां परभग्नां चमूं दृष्ट्वा सौभद्रेणामितौजसा
दुर्यॊधनॊ भृशं करुद्धः सवयं सौभद्रम अभ्ययात
1 [स]
तां परभग्नां चमूं दृष्ट्वा सौभद्रेणामितौजसा
दुर्यॊधनॊ भृशं करुद्धः सवयं सौभद्रम अभ्ययात
बादशाह अकबर और बीरबल शिकार पर गए हुए थे| उनके साथ कुछ सैनिक तथा सेवक भी थे| शिकार से लौटते समय एक गांव से गुजरते हुए बादशाह अकबर को उस गांव के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई| उन्होंने इस बारे में बीरबल से कहा तो उसने जवाब दिया – “हुजूर, मैं तो इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता, किंतु इसी गांव के किसी बाशिन्दे से पूछकर बताता हूं|”
1 [ज]
सवर्गं तरिविष्टपं पराप्य मम पूर्वपितामहाः
पाण्डवा धार्तराष्ट्राश च कानि सथानानि भेजिरे
1 And this is the blessing, wherewith Moses the man of God blessed the children of Israel before his death.
“The guest continued, ‘For all that, O Brahmana, I shall endeavour toinstruct thee duly. Listen to me as I recite to thee that which I haveheard from my preceptor.
1 [वैषम्पायन]
एतावद उक्त्वा देवर्षिर विरराम स नारदः
युधिष्ठिरस तु राजर्षिर दध्यौ शॊकपरिप्लुतः