Chapter 115
“Vaisampayana said, ‘The protector of the earth spent there a singlenight, and with his brothers, paid the highest honours to the religiousmen.
“Vaisampayana said, ‘The protector of the earth spent there a singlenight, and with his brothers, paid the highest honours to the religiousmen.
महारानी सुमित्रा त्यागकी साक्षात् प्रतिमा थीं| ये महाराज दशरथकी दूसरी पटरानी थीं| महाराज दशरथने जब पुष्टि यज्ञके द्वारा खीर प्राप्त किया, तब उन्होंने खीरका भाग महारानी सुमित्राको स्वयं न देकर महारानी कौसल्या और महारानी कैकेयीके द्वारा दिलवाया|
तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। सर्दियों में तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। तिल के बीज छोटे पीले भूरे रंग के बीज हैं जो कि मुख्य रूप से अफ्रीका में पाए जाते हैं, लेकिन वे भारतीय उपमहाद्वीप पर भी कम संख्या में उगाए जाते हैं।
“Janamejaya said, ‘It behoveth thee to tell me of any wonderful incidentthat occurred in the sacrifice of my grandsires.’
बादशाह अकबर जंग में जाने की तैयारी कर रहे थे| फौज पूरी तरह तैयार थी| बादशाह भी अपने घोड़े पर सवार होकर आ गए| साथ में बीरबल भी था| बादशाह ने फौज को जंग के मैदान में कूच करने का निर्देश दिया|
आंवले को धात्रीफल भी कहते हैं| यह बहुत ही पौष्टिक और गुणकारी होता है| इसमें हर्र के सारे गुण मौजूद रहते हैं| इसके स्वाद में पांचों रसों का समावेश होता है| ये रस वात, पित्त और कफ को शान्त करने वाले होते हैं|
1 [वै]
गते तस्मिन दविजश्रेष्ठे कस्मिंश चित कालपर्यये
चिन्तयाम आस सा कन्या मन्त्रग्राम बलाबलम
वृन्दावनके संनिकट कुछ याज्ञिक ब्राह्मण यज्ञ कर रहे थे| भगवान् श्रीकृष्णने अपने सखाओंको उनके पाससे भोजनके लिये कुछ अन्न माँगनेके लिये भेजा| याज्ञिकोंने उन्हें अन्न देना अस्वीकार कर दिया|