छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल
“Arjuna said, ‘How did Agni and Shoma, in days of yore, attain touniformity in respect of their original nature? This doubt has arisen inmy mind. Do thou dispel it, O slayer of Madhu!’
मानव जीवन में सदा परिवर्तन आता रहता है| वह परिवर्तन किसी न किसी घटना पर होता है और जीवन को बदल कर रख देता है| भक्त सधना कसाई था लेकिन प्रभु भक्त बन गया| आपकी कथा श्रवण कीजिए|
नजला या जुकाम ऐसा रोग है जो किसी भी दिन किसी भी स्त्री या पुरुष को हो सकता है| यह रोग वैसे तो ऋतुओं के आने-जाने के समय होता है लेकिन वर्षा, जाड़े और दो ऋतुओं के बीच के दिनों में ज्यादातर होता है|
1 भीष्म उवाच
ततः परभाते राजेन्द्र सूर्ये विमल उद्गते
भार्गवस्य मया सार्धं पुनर युद्धम अवर्तत
1 [वैषम्पायन]
तूष्णींभूतं तु राजानं पुनर एवार्जुनॊ ऽबरवीत
संतप्तः शॊकदुःखाभ्यां राज्ञॊ वाक्शल्य पीडितः
‘Kunti said, ‘I desire to learn from you the cause of this grief, for Iwill remove it, if possible.’
महाभारत के युद्ध का सत्रहवां दिन समाप्त हो गया था| महारथी कर्ण रणभूमि में गिर चुके थे| पांडव-शिविर में आनंदोत्सव हो रहा था| ऐसे उल्लास के समय श्रीकृष्ण खिन्न थे| वे बार-बार कर्ण की प्रशंसा कर रहे थे, “आज पृथ्वी से सच्चा दानी उठ गया|”
“Vaisampayana said, ‘Thus addressed by Vasudeva, the ever-wrathful Bhima,incapable of bearing insults, was immediately awakened like a steed ofhigh metal, and replied, without losing a moment, saying,