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एक बार एक सिंह के पैर में मोटा बड़ा काँटा चुभ गया| सिंह ने दाँत से बहुत नोचा; किंतु काँटा निकला नहीं| वह लँगड़ाता हुआ एक गड़रिये के पास पहुँचा| अपने पास सिंह को आते देख गड़रिया बहुत डरा|

प्रकृति ने मनुष्य पर एक असीम कृपा की है अर्थात् उसने मनुष्य के मस्तिष्क को संतुलिन रखने के लिए एक अपर मस्तिष्क की रचना की, जो मनुष्य मस्तिष्क की क्षतिपूर्ति करे, उसे सशक्त बना सके! अखरोट की गिरी को देखने के बाद पता चलेगा कि आपने मनुष्य का मस्तिष्क ही हाथ में ले लिया है| दोनों की आकृति में कोई अंतर नहीं है| अखरोट में ऐसे तत्त्व भरे पड़े हैं, जो मनुष्य के मस्तिष्क को संतुलित एवं सक्षम बनाए रखने में अद्वितीय हैं|

बादशाह अकबर ने बीरबल से सवाल किया – “इस संसार में इंसान-इंसान में भेद क्यों है, कोई तो भूखे पेट सो जाता है और किसी के पास इतना है कि पेट भरने के बाद फेंकना पड़ता है| सभी को ऊपर वाले ने ही बनाया है तो फिर यह भेद क्यों है?”

कक्षा के विद्यार्थियों के अंग्रेजी ज्ञान की परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग के अंग्रेज इंस्पेक्टर आए हुए थे| कक्षा के समस्त विद्यार्थियों को उन्होंने एक-एक बार पाँच शब्द लिखाए| कक्षा के अध्यापक ने बालक मोहनदास की कॉपी देखी, उसमें एक शब्द गलत लिखा था|