अध्याय 53
1 [स]
परतिज्ञाते तु पार्थेन सिन्धुराजवधे तदा
वासुदेवॊ महाबाहुर धनंजयम अभाषत
मुल्ला दोप्याजा की काफी उम्र हो गई थी किन्तु उसने विवाह नहीं किया था| एक दिन बादशाह अकबर ने मुल्ला दोप्याजा से कहा -“मुल्लाजी, अब आपको शादी कर लेनी चाहिए|”
1 [य]
किम आहुर भरतश्रेष्ठ पात्रं विप्राः सनातनम
बराह्मणं लिङ्गिनं चैव बराह्मणं वाप्य अलिङ्गिनम
1 [वैषम्पायन]
एवम उक्तस तु कौन्तेय गुडाकेशेन भारत
नॊवाच किं चित कौरव्यस ततॊ दवैपायनॊ ऽबरवीत
1 And they took their journey from Elim, and all the congregation of the children of Israel came unto the wilderness of Sin, which is between Elim and Sinai, on the fifteenth day of the second month after their departing out of the land of Egypt.
“Yudhishthira said, ‘When the great king Vasu was so wholly devoted toNarayana, for what reason then did he fall down from heaven and why againhad he to sink beneath the surface of the Earth?”
1 [वै]
ततस तथॊक्तः परिहृष्टरूपः; पित्रे शशंसाथ स राजपुत्रः
धृष्टद्युम्नः सॊमकानां परबर्हॊ; वृत्तं यथा येन हृता च कृष्णा
1 भीष्म उवाच
एवम उक्तस तदा रामॊ जहि भीष्मम इति परभॊ
उवाच रुदतीं कन्यां चॊदयन्तीं पुनः पुनः
इसमें विटामिन-ए, बी और सी प्रमुख रूप से होते हैं| कच्चा खाने पर इसका स्वाद मीठा लगता है| यह पाचन-क्रिया को बढ़ाने वाला है| वात और कफ में भी अत्यन्त लाभकारी है| हृदय की दुर्बलता को भी दूर करने में यह सहायता प्रदान करता है| जिन लोगों में विटामिन-बी की कमी हो, उन्हें शलजम अवश्य ही प्रयोग करना चाहिए| इसकी सब्जी खाना भी लाभदायक है|