आदर्श चरित्र
लंका का राजा रावण भिक्षुक के भेष में आकर सीताजी का हरण कर ले गया था| श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ सीताजी की खोज में जटायु के पास गए|
लंका का राजा रावण भिक्षुक के भेष में आकर सीताजी का हरण कर ले गया था| श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ सीताजी की खोज में जटायु के पास गए|
“Bhishma said, ‘Listen, O king, to me as I tell thee the symptoms thatappeared on the body of Vritra when he was overtaken by that fever (bornof the energy of Mahadeva).
बलसोरा के बादशाह का राज्य धनधान्य से पूर्ण था | किसी भी प्रकार की कोई कमी न थी | उनकी एक प्यारी-सी बेटी थी जिनी | उसके काले घुंघराले बाल, घनी पलकें, तीखे नयन-नक्श, हर किसी को अपनी ओर आकृष्ट करते रहते थे |
तिल्ली में वृद्धि होने से पेट के विकार, खून में कमी तथा धातुक्षय की शिकायत शुरू हो जाती है| यह रोग भी मनुष्य को बेचैनी एवं कष्ट प्रदान करता है| शुरू में इस रोग का उपचार करना आसान होता है, परंतु बाद में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है|
1 [वै]
धृतराष्ट्रस तु पुत्रस्य शरुत्वा वचनम ईदृशम
मुहूर्तम इव संचिन्त्य दुर्यॊधनम अथाब्रवीत
“Vaisampayana said, “With such speeches as these, was the royal saintYudhishthira, bereft of his friends, consoled by those sages of greatascetic merits.
“Janamejaya said, ‘O Brahmana, I have now heard from thee this greathistory of my ancestors. I had also heard from thee about the greatmonarchs that were born in this line.