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किसी नगर में एक सुरक्षित ब्राह्मण कुसंस्कारों के कारण चोरी करने लगा था| एक बार उस नगर में व्यापार करने के लिए चार सेठ आए| चोर ब्राह्मण अपने शास्त्रज्ञान के प्रभाव से उन सेठों का विश्वास प्राप्त कर उनके साथ ही रहने लगा|

पेट की खराबी, प्रदूषित भोजन तथा अम्लीय पदार्थों का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए| इससे गुर्दों से शोथ हो जाता है| इसी बात को चिकित्सक यूं कहते हैं कि गुर्दे में जब क्षारीय तत्त्व बढ़ जाते हैं तो उसमें सूजन आ जाती है| फलस्वरूप वहां दर्द होने लगता है|

पुराण भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है| पुराणों में मानव-जीवन को ऊंचा उठाने वाली अनेक सरल, सरस, सुन्दर और विचित्र-विचित्र कथाएँ भरी पड़ी है| उन कथाओं का तात्पर्य राग-द्वेषरहित होकर अपने कर्तव्य का पालन करने और भगवान् को प्राप्त करने में ही है| पद्मपुराण के भूमिखण्ड में ऐसी ही एक कथा आती है|

महाराज युधिष्ठिर धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता आदि दिव्य गुणोंके केन्द्र थे| धर्मके अंशसे उत्पन्न होनेके कारण ये धर्मके गूढ़ तत्त्वोंके व्यावहारिक व्याख्याता तथा भगवान् श्रीकृष्णके अनन्य भक्त थे|

“Vaisampayana said, ‘While that king of kings dwelt in heaven–the homeof the celestials, he was reverenced by the gods, the Sadhyas, theMaruts, and the Vasus. Of sacred deeds, and mind under complete control,the monarch used to repair now and then from the abode of the celestialsunto the region of Brahman. And it hath been heard by me that he dweltfor a long time in heaven.