Home2011 (Page 322)

गले के प्रवेश द्वार के दोनों ओर मांस की एक-एक गांठ होती है| यह बिलकुल लसीका ग्रंथि की तरह होती है| इसी को टांसिल कहते हैं| इस रोग के कारण खाने-पीने में बड़ी तकलीफ होती है| यहां तक की थूक को निगलने में भी कष्ट होता है|

श्री साईं बाबा के नाम से कोई विरला व्यक्ति ही होगा जो उनसे परिचित न हो| वे कलयुग के महान अवतार थे| उन्होंने किस देश, जाति, धार्मिक परिवार व कुल में जन्म लिया, यह कोई नहीं जानता| उनके पूर्वज कौन थे, उनके पिता व माता कौन थी, यह कोई नहीं जानता| 

1 [वस] पृच्छामि तवां वसु मना रौशदश्विर; यद्य अस्ति लॊकॊ दिवि मह्यं नरेन्द्र
यद्य अन्तरिक्षे परथितॊ महात्मन; कषेत्रज्ञं तवां तस्य धर्मस्य मन्ये