राम राम राम राम राम राम रट रे
राम राम राम राम राम राम रट रे ॥
भव के फंद करम बंध पल में जाये कट रे ॥
गले के प्रवेश द्वार के दोनों ओर मांस की एक-एक गांठ होती है| यह बिलकुल लसीका ग्रंथि की तरह होती है| इसी को टांसिल कहते हैं| इस रोग के कारण खाने-पीने में बड़ी तकलीफ होती है| यहां तक की थूक को निगलने में भी कष्ट होता है|
1 [ज]
य एते कीर्तिता बरह्मन ये चान्ये नानुकीर्तिताः
सम्यक ताञ शरॊतुम इच्छामि राज्ञश चान्यान सुवर्चसः
श्री साईं बाबा के नाम से कोई विरला व्यक्ति ही होगा जो उनसे परिचित न हो| वे कलयुग के महान अवतार थे| उन्होंने किस देश, जाति, धार्मिक परिवार व कुल में जन्म लिया, यह कोई नहीं जानता| उनके पूर्वज कौन थे, उनके पिता व माता कौन थी, यह कोई नहीं जानता|
“Suka said, ‘O illustrious one, O foremost of Rishis, once againdiscourse to me on Adhyatma more elaborately. Tell me what, indeed, isAdhyatma and whence does it come?'[1041]
1 [वस]
पृच्छामि तवां वसु मना रौशदश्विर; यद्य अस्ति लॊकॊ दिवि मह्यं नरेन्द्र
यद्य अन्तरिक्षे परथितॊ महात्मन; कषेत्रज्ञं तवां तस्य धर्मस्य मन्ये