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सच है, कोई पुरुष अत्यंत धैर्यवान, दयालु, सद्गुणी, सदाचारी, नीतिज्ञ, कर्तव्यनिष्ठ और गुरु का भक्त अथवा विधा-विवेक सम्पन्न भी क्यों न हो, यदि वह निरंतर अत्यंत पापबुद्धि दुष्ट पुरुषों का संग करेगा तो अवश्य ही क्रमशः उन्हीं की बुद्धि से प्रभावित होकर उन्हीं के समान हो जाएगा| इसलिए सदा ही दुष्ट पुरुषों का संग त्याग देना चाहिए|

शनि चालीसा का पाठ सबसे सरल है। शनि चालीसा भी हनुमान चालीसा जैसे ही अति प्रभावशाली है। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। शिव पुराण में वर्णित है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने शनिदेव को “शनि चालीसा” से प्रसन्न किया था। शनि साढ़ेसाती और शनि महादशा के दौरान ज्योतिषी शनि चालीसा का पाठ करने की सलाह देते हैं।