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“Sauti said, ‘And then Indra, the king of gods, having the best of horsesfor his bearer, thus adored by Kadru, covered the entire firmament withmasses of blue clouds. And he commanded the clouds, saying, Pour ye, yourvivifying and blessed drops!’ And those clouds, luminous with lightning,and incessantly roaring against each other in the welkin, poured abundantwater.

अंबिका और अम्बालिका का विवाह विचित्रवीर्य से हो गया और वे हस्तिनापुर में रहने लगीं| अंबिका के एक पुत्र हुआ, जिसका नाम था धृतराष्ट्र| और अम्बालिका के पुत्र का नाम रखा गया पांडु| दासी-उतर विदुर भी धृतराष्ट्र और पांडु के भाई थे| वे अपने चातुर्य, ज्ञान और सत्यनिष्ठा के लिए प्रसिद्ध हुए|

भगवान् सूर्य उत्पत्ति के समय एक प्रकाशमय विशाल गोलाकार वृत के रुप में थे, उनका एक नाम मार्तण्ड है| देवशिल्पी विश्वकर्मा ने अपनी पुत्री संज्ञा का विवाह उनके साथ कर दिया था|

श्रीहनुमान् जी विद्या, बुद्धि, ज्ञान तथा पराक्रमीकी मूर्ति हैं| जबतक पृथ्वीपर श्रीरामकथा रहेगी, तबतक श्रीहनुमान् जीको इस धरा-धामपर रहनेका श्रीरामसे वरदान प्राप्त है| आज भी ये समय-समयपर श्रीरामभक्तोंको दर्शन देकर उन्हें कृतार्थ किया करते हैं

किसी कस्बे में दो आदमी रहते थे| एक का नाम था प्रेम दूसरे का नाम विनय| दोनों के घर आमने-सामने थे| एक दिन संयोग से किसी बात पर उनमें तनातनी हो गई| बात छोटी-सी थी, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ गई| दोनों ही बेहद उत्तेजित हो उठे| प्रेम आपे से बाहर हो गया| वह बोला – “शैतान के बच्चे, तेरी अकल घास चरने चली गई है|”