Home2011 (Page 224)

एक व्यक्ति नित्य ही समुद्र तट पर जाता और वहां घंटों बैठा रहता। आती-जाती लहरों को निरंतर देखता रहता। बीच-बीच में वह कुछ उठाकर समुद्र में फेंकता, फिर आकर अपने स्थान पर बैठ जाता। तट पर आने वाले लोग उसे विक्षिप्त समझते और प्राय: उसका उपहास किया करते थे।

इसे घिया के नाम से भी जाना जाता है| यह लम्बी और गोलाकार भी होती है| इसका रंग हल्का हरा होता है| यह स्वाद में मीठी, हल्की और सुपाच्य होती है| यह सब्जी से लेकर मिष्ठान्न तक में प्रयुक्त होती है|

“Sauti said, ‘O Brahmana, Chyavana, the son of Bhrigu, begot a son in thewomb of his wife Sukanya. And that son was the illustrious Pramati ofresplendent energy. And Pramati begot in the womb of Ghritachi a soncalled Ruru. And Ruru begot on his wife Pramadvara a son called Sunaka.And I shall relate to you in detail, O Brahmana, the entire history ofRuru of abundant energy. O listen to it then in full!

तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया