सच्ची मित्रता
एक जंगल में झील किनारे कछुआ, कठफोड़वा व हिरण मित्र भाव से रहते थे|
“Yudhishthira said, ‘Hast thou, O grandsire, ever seen or heard of anymortal restored to life after having succumbed to death?’
एक दिन कंजूस सेठ को न जाने क्या हुआ, उसने एक साधु की झोली में एक पैसा डाल दिया। शाम को साधु द्वारा दिए गए प्रसाद के दोने में उसे अशर्फी मिली। वह पछताने लगा कि ज्यादा पैसे देता तो और ज्यादा अशर्फियां उसे मिलतीं।
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ततॊ वयूढेष्व अनीकेषु तावकेष्व इतरेषु च
धनंजयॊ रथानीकम अवधीत तव भारत
शरैर अतिरथॊ युद्धे पातयन रथयूथपान
OM! HAVING BOWED down to Narayana, and Nara, the most exalted of malebeings, and also to the goddess Saraswati, must the word ‘Jaya’ beuttered.
“Uttara said, ‘Indeed, these weapons adorned with gold, belonging to thelight-handed and high-souled Partha, look exceedingly beautiful.
“Bhishma said,–The will under which the ruler of Chedi summoneth thee tofight though thou art of strength that knoweth no deterioration, isscarcely his own intention. Assuredly, this is the purpose of Krishnahimself, the lord of the universe.
एक दिन भक्तसिरोमणि देवर्षि नारद विणापर हरि का यशोगान करते हुए एक ऐसे स्थान पहुँचे जहाँ कुछ ब्राह्मण अत्यन्त खिन्न और उदास-अवस्था में बैठे थे|