Home2011December (Page 9)

प्रकृति ने बादाम को नयन की आकृति देकर इसके गौरव को अधिक ऊंचा उठा दिया| कोषाकारों ने प्रकृति के अमूल्य अनुदान का मूल्यांकन किया| उसे नेत्रोपम की संज्ञा से संबोधित किया| वास्तव में बादाम मेवा जगत् में नेत्रोपम है| यह शरीर को नववीर्य प्रदान करता है, नये रक्त का निर्माण करता है तथा मस्तिष्क को अभिनव शक्ति देता है और हृदय को बलशाली बनाता है| औषधि निर्माण में मुख्यत: कागजी बादाम प्रयुक्त होता है|

पहाड़ी की तलहटी में बना सुंदरपुर नामक एक गाँव था| सुंदरपुर में वैसे तो सुख-शांति का वास था लेकिन वहाँ के सरपंच की पत्नी कुमति बड़े ही दुष्ट स्वभाव की स्त्री थी| उसके कुटिल स्वभाव से सभी घरवाले परेशान थे| अपनी सीधी-सादी बहू सुकन्या को तो वह कुछ ज्यादा ही परेशान करती थी|