Home2011November (Page 34)

हमारे यहाँ तीर्थ यात्रा का बहुत ही महत्त्व है। पहले के समय यात्रा में जाना बहुत कठिन था। पैदल या तो बैल गाड़ी में यात्रा की जाती थी। थोड़े थोड़े अंतर पे रुकना होता था।

नांदेड में रहनेवाले रतनजी शापुरजी वाडिया एक फारसी सज्जन थे| उनका बहुत बड़ा व्यवसाय था| किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी| प्रकृति से वो बहुत धार्मिक थे| अपने दान-धर्म की वजह से वे बहुत प्रसिद्ध थे| ईश्वर की कृपा से उनके पास सब कुछ था| यदि उनके जीवन में किसी चीज की कमी थी तो वह एक संतान की| संतान के लिए तरसते थे| वह संतान पाने के लिए सदैव प्रभु से प्रार्थना करते थे|

हिन्दू मान्यता के अनुसार पारवती जी ही देवी भगवती हैं| पार्वती जी को बहुत दयालु, कृपालु और करूणा मई मन जाता है| इनकी आराधना करने पर भक्तो के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं| तथा घर मई सुख शांति का वास होता है| देवी पारवती जी जैसा की सर्व विदित ही है, की शंकर भगवान् जी की अर्धांगिनी है| इनकी आरती उतार कर इन्हे प्रसन्न किया जा सकता है|

एक बार एक गुरु अपने आश्रम में शिष्यों को समझा रहे थे| तभी कहीं से घूमता हुआ एक चोर उधर से आ निकला| उसने सोचा- ‘चलो देखें गुरुजी अपने शिष्यों को क्या ज्ञान दे रहे हैं|’