Home2011October (Page 55)

एक दिन कंजूस सेठ को न जाने क्या हुआ, उसने एक साधु की झोली में एक पैसा डाल दिया। शाम को साधु द्वारा दिए गए प्रसाद के दोने में उसे अशर्फी मिली। वह पछताने लगा कि ज्यादा पैसे देता तो और ज्यादा अशर्फियां उसे मिलतीं।