रतौंधी के 12 घरेलु उपचार – 12 Homemade Remedies for Night Blindness
रतौंधी एक ऐसा रोग है जिससे रोगी को आंखों में कोई कष्ट तो नहीं होता, लेकिन उसे रात के समय देखने में बड़ी परेशानी होती है| ऐसा रोगी हीन भावना का शिकार हो सकता है|
रतौंधी एक ऐसा रोग है जिससे रोगी को आंखों में कोई कष्ट तो नहीं होता, लेकिन उसे रात के समय देखने में बड़ी परेशानी होती है| ऐसा रोगी हीन भावना का शिकार हो सकता है|
जब पाँचों पाण्डव द्रौपदी सहित वन में अज्ञातवास कर रहे थे, तब उनके कष्टों को देखकर भगवान् श्रीकृष्ण तथा महर्षि व्यासजी ने अर्जुन से भगवान् शिव को प्रसन्न करके वर प्राप्त करने के लिये कहा तथा उसके लिये उपाय बताया|
“Sanjaya said, ‘Having heard these joyful words of king Yudhishthira,Govinda of virtuous soul, that delighter of the Yadus, then addressedPartha.
अपने साधना-काल में एक दिन महावीर एक ऐसे निर्जन स्थान पर ठहरे, जहां एक यक्ष का वास था| वहां वे कोयोत्सर्ग मुद्रा में ध्यान-मग्न हो गए| रात को यक्ष आया तो वह अपने स्थान पर एक अपरिचित व्यक्ति को देखकर आग-बबूला हो गया| वह बड़े जोर से दहाड़ा| उसकी दहाड़ से सारी वनस्थली गूंज उठी|
1 बृहदश्व उवाच
सर्वं विकारं दृष्ट्वा तु पुण्यश्लॊकस्य धीमतः
आगत्य केशिनी कषिप्रं दमयन्त्यै नयवेदयत
“Bhishma said, ‘O blessed king, Brahmana, by birth alone, becomes anobject of adoration with all creatures and are entitled, as guests, toeat the first portion of all cooked food.
बारह वर्ष का वनवास तथा एक वर्ष के अज्ञातवास के बाद जब पांडवों को उनका जुएँ में धोखे से छीना गया राज्य वापस न मिला, धृतराष्ट्र ने तब संजय को दूत बनाकर पांडवों के पास भेजा|