ऐसी सुबह न आए न आए ऐसी श्याम
ऐसी सुबह न आए न आए ऐसी श्याम
जिस दिन जुबान पे मेरी आए न साई का नाम
“Sanjaya said, ‘Hearing the roars of cars and the leonine shouts (of thewarriors) in battle, Arjuna addressed Govinda, saying, “Urge the steedsto greater speed.”
एक जंगल में अनेक प्रकार के जल जन्तुओं से भरा तालाब था| वहां पर रहने वाला एक बगुला बूढ़ा होने के कारण मछलियों को मारने में भी असमर्थ हो गया| वह बेचारा तालाब के किनारे बैठा रो रहा था| उसे इस प्रकार रोता देखकर एक केकड़े को बहुत दुख हुआ|
1 बृहदश्व उवाच
अथ दीर्घस्य कालस्य पर्णादॊ नाम वै दविजः
परत्येत्य नगरं भैमीम इदं वचनम अब्रवीत
‘Bhishma said, One day the chief of the celestials assuming a form ofcelestial beauty, came to the retreat of the Rishi, thinking that theopportunity he had been expecting had at last come.
सम्राट अजातशत्रु ने सुचारु रूप से राज्य संचालन के कुछ नियम बना रखे थे, जिनका पालन सभी के लिए अनिवार्य था। उल्लंघन की दशा में दंड का प्रावधान भी था। सम्राट स्वयं भी इन नियमों का यथाविधि पालन करते थे। इससे उनके राज्य की व्यवस्था पूर्णत: सुगठित थी।
“Yudhishthira said, ‘Thou hast, O bull of Bharata’s race, said that thatintelligence which provides against the future, as well as that which canmeet present emergencies, is everywhere superior, while procrastinationbrings about destruction.
1 अर्जुन उवाच
संन्यासस्य महाबाहॊ तत्त्वम इच्छामि वेदितुम
तयागस्य च हृषीकेश पृथक केशिनिषूदन