Chapter 26
“Vaisampayana said, ‘Having listened to these words of his spies, kingDuryodhana reflected inwardly for some time and then addressed hiscourtiers, saying, ‘It is difficult to ascertain the course of eventsdefinitely.
“Vaisampayana said, ‘Having listened to these words of his spies, kingDuryodhana reflected inwardly for some time and then addressed hiscourtiers, saying, ‘It is difficult to ascertain the course of eventsdefinitely.
नुस्खा – सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, अजवायन, सेंधा नमक, काला तथा सादा जीरा 10-10 ग्राम और हींग 2 ग्राम – सभी चीजों को अच्छी तरह कूट-पीसकर कपड़छन करके शीशी में भर लें|
एक जंगल में कुछ बदमाशों की दावत चल रही थी| उनमें से एक न डींग हांकी कि इतनी रात गए भी मैं माँस ला सकता हूँ| फिर वह माँस विक्रेता की दुकान पर गया और बोला, ‘मुझे कुछ माँस चाहिए, मिलेगा?’
Vaisampayana continued,–thus addressed, Dhananjaya replied untoBhagadatta, saying,–‘If thou wilt give thy promise to do this, thou hastdone all I desire. And having thus subjugated the king of Pragjyotisha,Dhananjaya of long arms, the son of Kunti, then marched towards thenorth–the direction presided over by the lord of treasures.
गांवों में पपीते का पेड़ घर-घर में देखने को मिल जाता है| पपीते का फल लम्बा होता है| कच्चे पपीते के दूध से ‘पेपन’ नामक पदार्थ बनाया जाता है| पपीते का फल, बीज और पत्ते विभिन्न प्रकार के रोगों में काम आते हैं|
एक गाँव में एक ठाकुर थे| उनके कुटुम्ब में कोई आदमी नहीं बचा, केवल एक लड़का रह गया| वह ठाकुर के घर काम करने लग गया| रोजाना सुबह वह बछड़े चराने जाता था और लौटकर आता तो रोटी खा लेता था|
पान अत्यन्त चरपरा, कटु, क्षारयुक्त एवं मधुर होता है| इसकी उपस्थिति में वात, कफ एवं कृमियों को विदा लेनी पड़ती है| मुंह की दुर्गन्ध को यह दूर करता है| बाजीकरण है, धारण-शक्ति एवं काम-शक्ति को बढ़ाता है| यह जितना पुराना होता है, उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है| पान खाने से शारीरिक एवं मानसिक थकान दूर हो जाती है| पान के चबाने एवं चूसने पर लार की मात्रा अधिक निकलती है, जिससे पाचन-क्रिया में सहायता मिलती है| इससे प्यास और भूख भी शान्त हो जाती है तथा निम्न रोगों में भी यह बहुत लाभकारी है|
तू ही माता तू ही पिता है, तू ही माता तू ही पिता है
तू ही तोह है राधा का श्याम साई राम साई श्याम
“Dhritarashtra said, ‘When our troops were broken in battle by Bhimasena,what, O Sanjaya, did Duryodhana and Subala’s son say?