Home2011October (Page 21)

बहुत समय पहले की बात है| काशी नरेश के यहाँ राजू नामक माली काम करता था| एक हिरण रोज़ राजा के बाग में घास चरने आता था| कुछ दिनों में हिरण राजू को देखने का अभ्यस्त हो गया और उसने भागना छोड़ दिया| बहुत समय पहले की बात है| काशी नरेश के यहाँ राजू नामक माली काम करता था| 

खजूर को भी शीतकालीन फल ही माना गया है| यह गहरे लाल रंग का गूदेदार होता है| इसके अंदर से गिरी निकलती है| यह अत्यंत तृप्तिदायक, शीतल, मीठा और भारी होता है| इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए पित्त के अनेक रोगों में यह लाभदायक सिद्ध होता हैं| यह शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक होता है तथा हृदय के लिए परम हितकारी है|

एक साधारण ब्राह्मण थे| वे काशी पढ़कर आये| सिर पर पुस्तकें लदी हुई थीं| शहर से होकर निकले तो वर्षा आ गयी| पास में छाता था नहीं| अतः एक मकान के दरवाजे के पास जगह देखकर खड़े हो गये| उसके ऊपर एक वैश्या रहती थी| कुछ आदमी ‘रामनाम सत्य है’ कहते हुए एक मुर्दे को लेकर वहाँ से निकले|

बर्फ़ जल की ठोस अवस्था को कहते हैं। सामन्य दाब पर ० डिग्री सेल्सियस पर जल जमने लगता है, जल की इसी जमी हुई अवस्था को बर्फ़ कहते हैं।

एक नगर में एक पंडित रहता था| उसे अपनी पत्नी से बहुत प्यार हो गया था| एक बार इन दोनों पति-पत्नी के परिवार वालों के साथ लड़ाई हो गई| जिसके कारण इन्हें अपना घर छोड़कर दूसरे शहर में जाना पड़ा|