Chapter 183
“Bharadwaja said, ‘Tell me, O best of Brahmanas, how the puissant Brahmanresiding within Meru, created these diverse kinds of objects.’
“Bharadwaja said, ‘Tell me, O best of Brahmanas, how the puissant Brahmanresiding within Meru, created these diverse kinds of objects.’
“The Holy One said, ‘Listen, O son of Pritha, how, without doubt, thoumayst know me fully, fixing thy mind on me, practising devotion, andtaking refuge in me.
बहुत पुरानी बात है| उन दिनों इंग्लैंड और स्पेन के मध्य लड़ाई चल रही थी| लड़ाई के मोर्चे पर अंग्रेजों का एक वीर योद्धा सर किल्पि सिडनी घायल होकर गिर गया|
Vaisampayana continued,–“Commanded by the Lord of justice to thus spendin disguise the thirteenth year of non-discovery, the high-souled
उस समय की बात है, जब विख्यात बांग्ला लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने लेखन की शुरुआत ही की थी। उन दिनो कई बार तो उनकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं से लौटा दी जाती थीं और प्रकाशित होने पर भी उन्हें दूसरे लेखकों की तुलना में कम पारिश्रमिक मिलता था। इसी संकोच के कारण कई बार तो वह कहानी लिख कर भी छपने के लिए कहीं नहीं भेजते थे।
Janamejaya said,–“How did the sons of Dhritarashtra feel, when they cameto know that the Pandavas had, with Dhritarashtra’s leave, leftHastinapore with all their wealth and jewels?”