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त्रिपुरा के जंगलो में एक शुकरी रहती थी| अपने बच्चो के साथ, शुकरी खुशी-खुशी दिन बिता रही थी| एक दिन जंगल में अपने बच्चों के लिए भोजन ढूढ़ते हुए, उसने एक बाघ के बच्चे के रोते हुए देखा|

एक महात्मा रात-दिन एक जंगल में साधना करते रहते थे। एक दिन उस राज्य का राजा उस जंगल में कहीं से घूमता हुआ पहुंचा। एक निर्जन स्थान पर महात्मा जी को भक्ति में लीन देखकर वह सोचने लगा कि यह आखिर कैसे गर्मी, सर्दी, बरसात और हर तरह के कष्ट सहते हुए अपने लक्ष्य को साधने में लगे हुए हैं?

चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे