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दो चींटियां आपस में बातें कर रही थीं। एक ने कहा- बस मुझे एक ही कष्ट है कि मेरा मुंह हर समय खारा ही रहता है। यह सुन दूसरी चींटी ने उसे मीठा पदार्थ खाने को दिया, लेकिन फिर भी उसका कष्ट दूर नहीं हुआ।

भगवती अन्नपूर्ण काशीपुरी में आ चुकी थीं| यहीं पर उन्होंने भगवान् शंकर से पूछा-‘भगवन् आप अपने भक्तों को किस उपाय से दर्शन देते हैं और उनके वश में हो जाते हैं?’

हजरत उमर के जमाने की बात है| एक बार उनके शहर में आग लग गई| आग इतने जोरों की लगी थी कि उसने शहर का बहुत बड़ा हिस्सा जला डाला| पानी से भी वह नहीं बुझी|