असली मर्द
अरब देश की बात है| एक राजा था| उसके बड़े-ठाठ-बाट थे| उसके पास किसी चीज की कमी न थी|
बात बहुत पुरानी है| एक पंडितजी अपने शिष्य के साथ जंगल से होकर जा रहे थे| तभी एकाएक उनकी नज़र डाकुओं पर पड़ी|
शिवरात्रि के दिन, भगवान् शिव का सुहाना सुसजित एवं सुंदर चित्र देखने को मिलता है, जिसे देखने के लिए भगतों की भीड़ उमड़ पढ़ती है| इन दिनों भागात्वत्सल्ये भगवान् महा कालेश्वर का विशेष श्रृंगार किया जाता है अथवा उन्हे विविध प्रकार के फूलों से सजाया जाता है| अनेकानेक प्राचीन वांग्मय महाकाल की व्यापक महिमा से आपूरित हैं क्योंकि वे कालखंड, काल सीमा, काल-विभाजन आदि के प्रथम उपदेशक व अधिष्ठाता हैं। स्कन्दपुराण के अवंती खंड में, शिव पुराण (ज्ञान संहिता अध्याय 38), वराह पुराण, रुद्रयामल तंत्र, शिव महापुराण की विद्येश्वर संहिता के तेइसवें अध्याय तथा रुद्रसंहिता के चौदहवें अध्याय में भगवान महाकाल की अर्चना, महिमा व विधान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है।
काशीपुर में बड़ी संख्या में लोग मेढ़ों की लड़ाई देखने जमा हुए| तभी एक सन्यासी भी वहाँ आ पहुँचा| उसने एक आदमी से पूछा, क्यों भाई, यहाँ क्या हो रहा है?’
“Yudhishthira said, ‘O the best of Bharata’s race and the foremost ofgreat men, I wish to know what the fruits are of good deed. Do thouenlighten me on this point.'”
संत कबीर जी (Sant Kabir Ji) का स्थान भक्त कवियों में ध्रुव तारे के समान है| जिनके शब्द, साखी व रमैनी आज भी उतने ही प्रसिद्ध हैं जितने कि उनके समय में थे|
“Bhishma said, ‘There, under that banian, for the protection of hisguest, the prince of birds had kindled and kept up a fire with high andblazing flames.[496] On one side of the fire, the bird slept trustfully.
1 संजय उवाच
आत्मदॊषात तवया राजन पराप्तं वयसनम ईदृशम
न हि दुर्यॊधनस तानि पश्यते भरतर्षभ
यानि तवं दृष्टवान राजन धर्मसंकरकारिते
Dhritarashtra said,–“When the Sun rose, O Sanjaya, of my army led byBhishma and the Pandava army led by Bhima, which first cheerfullyapproached the other, desirous of fight?