Home2011August (Page 15)

ढाई हजार साल पहले की घटना है| बुद्ध एक गांव में ठहरे थे| एक आदमी उनके पास आया और बोला – “भंते, आप तीस साल से लोगों को शांति, सत्य और मोक्ष की बात समझा रहे हैं, लेकिन कितने लोग हैं जिन्हें मोक्ष प्राप्त हो गया?”

एक मजदूर था अवतार। बिल्कुल अकेला, न पत्नी, न बच्चे। कभी आवश्यकता होती तो मजदूरी कर लेता। एक बार जेठ की भरी दोपहर में जब उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था, वह मजदूरी ढूंढ़ने सड़कों पर निकल पड़ा। तभी एक तांगा आकर रुका और उसमें से एक व्यक्ति बाहर आया।

Sauti said, “Janamejaya, the son of Parikshit, was, with his brothers,attending his long sacrifice on the plains of Kurukshetra. His brotherswere three, Srutasena, Ugrasena, and Bhimasena. And as they were sittingat the sacrifice, there arrived at the spot an offspring of Sarama (thecelestial bitch). And belaboured by the brothers of Janamejaya, he ranaway to his mother, crying in pain.