लालच बुरी बला
गोदावरी नदी के किनारे पर बसे घने जंगल में एक बहेलिए ने अपना जाल फैलाकर उसके चारों ओर चावल बिखेर दिए तथा स्वयं चुपचाप छिपकर बैठ गया|
गोदावरी नदी के किनारे पर बसे घने जंगल में एक बहेलिए ने अपना जाल फैलाकर उसके चारों ओर चावल बिखेर दिए तथा स्वयं चुपचाप छिपकर बैठ गया|
1 [आ]
चरन गृहस्थः कथम एति देवान; कथं भिक्षुः कथम आचार्य कर्मा
वानप्रस्थः सत्पथे संनिविष्टॊ; बहून्य अस्मिन संप्रति वेदयन्ति
Sanjaya said, “Having in that battle made all those warriors (of thyarmy) turn their faces from the field, the Rakshasa then, O chief of theBharatas, rushed at Duryodhana, desirous of slaying him.
“Narada said, ‘The king has not been burnt to death by an unsanctifiedfire. I have heard this there.
“Astika said, ‘Soma and Varuna and Prajapati performed sacrifices of oldin Prayaga. But thy sacrifice, O foremost one of Bharata’s race, O son ofParikshit, is not inferior to any of those. Let those dear unto us beblessed! Sakra performed a hundred sacrifices.
शिबि अपनी त्याग बुद्धि के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। उनकी त्याग भावना तात्कालिक और अस्थायी है या उनके स्वभाव का स्थायी गुण, इसकी परीक्षा करने के लिए इंद्र और अग्नि ने एक योजना बनायी।
Janamejaya said, “When the high-souled sons of Pritha were living in theforest, what did those foremost of men and mighty archers–the sons ofDhritarashtra–do?
परम भाग्यवती गोपियोंके सौभाग्यका वर्णन करना मन, वाणी और बुद्धिकी सीमासे परे हैं| जिस प्रकार भगवान् का लीला-शरीर और उनकी लीलाएँ प्राकृत नहीं हैं, उसी प्रकार गोपीप्रेम भी प्रकृतिकी सीमासे परे है|
भगवान् की प्रेम-लीलाकी सहयोगिनी कुछ गोपिकाएँ तो नित्यसिद्धा हैं| बहुत-सी गोपिकाएँ अपनी महान् साधनाके फलस्वरूप भगवान् की वाञ्छित सेवा करनेके लिये गोपीरूपमें अवतीर्ण हुई थीं| उनकी लालसा इतनी अनन्य थी, उनकी लगन इतनी सच्ची थी कि प्रेमरसमय भगवान् ने उन्हें सुख पहुँचानेके लिये माखनचोरी, चीरहरण और रासलीलाकी दिव्य लीलाएँ कीं| इन गोपियोंमें कुछ पूर्वजन्मकी देवकन्याएँ थीं, कुछ श्रुतियाँ थीं और कुछ तपस्वी ऋषि थे|
हिंदू धर्म के अनुसार श्री कृष्ण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। श्री कृष्ण को पूर्णावतार भी कहा जाता है क्योंकि उनके मृत्यु लोक के सभी चरणों को भोगा है। मान्यता है कि भक्ति-भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करने से सफलता, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। कृष्ण जी को मक्खन बहुत पसंद होता है। श्री कृष्ण वंदना के लिए लोग “हरे कृष्णा हरे कृष्णा” का जाप करते हैं। साथ ही कृष्ण जी की आरती को भी बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है।