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एक राजमहल के पिछवाड़े में एक बहुत बड़ा सरोवर था| उसमे अनेक सुनहरे हंस रहते थे| प्रत्येक हंस छह मास बाद सोने का एक पँख सरोवर के तट पर छोड़ देता था, जिसे राजा के सेवक उठा ले जाते थे|

“Sauti said, ‘Then the snake-dame Jaratkaru, calling her own son, toldhim the following words according to the directions of Vasuki, the kingof the snakes. ‘O son, the time is come for the accomplishment of thatobject for which I was bestowed on thy father by my brother. Therefore,do thou that which should be done.’

संसारकी पतिव्रता देवियोंमें गान्धारीका विशेष स्थान है| ये गन्धर्वराज सुबलकी पुत्री और शकुनिकी बहन थीं| इन्होंने कौमार्यावस्थामें भगवान् शंकरकी आराधना करके उनसे सौ पुत्रोंका वरदान प्राप्त किया था|

महर्षि वाल्मीकि का जन्म त्रैता युग में अस्सू पूर्णमाशी को एक श्रेष्ठ घराने में हुआ| आप अपने आरम्भिक जीवन में बड़ी तपस्वी एवं भजनीक थे| लेकिन एक राजघराने में पैदा होने के कारण आप शस्त्र विद्या में भी काफी निपुण थे|