Home2011July (Page 5)

मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे। ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥ अधिष्ठान मेरा मन होवे। जिसमे राम नाम छवि सोहे । आँख मूंदते दर्शन होवे ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥ मेरे मन

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एक कुसुमित डाल ने अपने पड़ोस की टहनी से कहा- आज का दिन तो बिल्कुल नीरस लग रहा है। क्या तुम्हें भी ऐसा ही महसूस हो रहा है? उस टहनी ने उत्तर दिया- नि:संदेह यही बात मुझे भी लग रही है। उसी समय उस टहनी पर एक चिरौटा आ बैठा और उसके निकट ही एक दूसरा चिरौटा भी आ गया।