सिंदबाद जहाजी की तीसरी यात्रा
अपनी दूसरी यात्रा के बाद मैं खूब आराम की जिंदगी बसर करने लगा था| नौकर-चाकर और दूसरे सभी सुख आराम मुझे हासिल थे| मैं अपने परिवार के साथ इतना सुखी था कि अब तो समुद्री यात्राओं के दौरान उठाए गए जानलेवा कष्टों की याद भी मुझे नही आती थी|