Home2011June (Page 7)

प्राचीन काल में पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) नगर में राजा विक्रमसेन का शासन था| इस प्रतापी राजा के पास ‘विदग्ध चूणामणि’ नाम का एक ऐसा तोता था, जिसे अपने दिव्य ज्ञान से समस्त शास्त्रों का ज्ञान था| वह विलक्षण लक्षणों से युक्त तोता बड़े ही सहज रूप में मनुष्यों की भाषा बोल और समझ लेता था| राजा उस तोते से बहुत प्यार करता था और उसे चूणामणि कहकर संबोधित करता था|

एक व्यक्ति ने सर्वाधिक मूल्यवान एक किलो अंगूर ख़रीद| जब वह जाने लगा, तब दुकानदार ने पैसे माँगे| उसने कहा कि रुपये नहीं है| दुकानदार ने मूल्य को तीन बार कम किया, किन्तु उस व्यक्ति के पास वह भी देने के लिए पैसे न थे| गुस्से से दुकानदार ने पूछा, “जब तुम्हारे पास पैसे न थे, तब तुमने महँगे अंगूर क्यों ख़रीदे?”

सवाल उठते है कि आदमी किस प्रकार शिष्ट अथवा सज्जन बन सकता है? एक सीख तो यही है कि शिष्टों या सज्जनों का अनुसरण किया जाए तो व्यक्ति सज्जन बन सकता है|