Home2011June (Page 32)

पेट में मन्दाग्नि के कारण एक रोग उत्पन्न हो जाता है जो ‘गैस बनने’ के नाम से प्रसिद्ध है| यह रोग कोष्ठ के मार्ग से बनकर रोगी को परेशान करता है| मुख से लेकर गुदा तक का मार्ग कोष्ठ माना जाता है|

एक बार ब्रह्माजी दुविधा में पड़ गए। लोगों की बढ़ती साधना वृत्ति से वह प्रसन्न तो थे पर इससे उन्हें व्यावहारिक मुश्किलें आ रही थीं।

एक बार श्रीकृष्ण विदुर से मिलने हस्तिनापुर गये| विदुर घर में थे नहीं| उनकी पत्नी थी| कृष्ण ने चरण छुए| वे गद्गद् विह्वल हो गयी| उन्हें कुछ सुझा नहीं कि वे क्या करे? कहाँ बैठावें? वे तेजी से अन्दर गयीं| झटपट कुछ केले लेकर लौटीं|