मूसन का कटा सिर जोड़ना – साखी श्री गुरु अर्जन देव जी
लाहौर शहर के शाहबाज़पुर गाँव में संमन (पिता) और मूसन (पुत्र) आजीविका के लिए मजदूरी करते थे| एक दिन संगत की देखा देखी गुरु जी को संगत समेत भोजन करने की प्रार्थना की| परन्तु जब उन्होंने देखा कि संगत को खिलने के लिए उनके पास पूरे पैसे नहीं हैं और न ही प्रबंध हो सकता है|