Home2011March (Page 6)

राजदरबार के एक सेवक से कुछ लापरवाही हो गई, जिसे देखकर बादशाह अकबर बिगड़ गए और उसे आदेश दिया-“जाओ बाजार से एक सेर चूना लेकर आओ और उसे मेरे सामने खाओ|”

1 [य] परज्ञा शरुताभ्यां वृत्तेन शीलेन च यथा भवान
गुणैः समुदितः सर्वैर वयसा च समन्वितः
तस्माद भवन्तं पृच्छामि धर्मं धर्मभृतां वर

महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले में आनन्दवन नामक एक बस्ती है| यहाँ पर जनसेवी बाबा आम्टे ने कुष्ठरोग से पीड़ित हजारों लोगों का रोग से मुक्त कर स्वावलम्बी बनाया|