Chapter 354
“Bhishma said, ‘In an excellent town called by the name of Mahapadmawhich was situate on the southern side of the river Ganga, there lived,
“Bhishma said, ‘In an excellent town called by the name of Mahapadmawhich was situate on the southern side of the river Ganga, there lived,
1 [वैषम्पायन]
युधिष्ठिरस तु धर्मात्मा शॊकव्याकुल चेतनः
शुशॊच दुःखसंतप्तः समृत्वा कर्णं महारथम
1 संजय उवाच
परभातायां तु शर्वर्यां पुनर एव सुतस तव
मध्ये सर्वस्य सैन्यस्य पितामहम अपृच्छत
द्वापर नगर में द्रोण नामक एक दरीद्र ब्राह्मण रहता था| ब्राह्मण को भिक्षा अच्छी मिल जाती तो उसका सारा परिवार भरपेट भोजन करता और कम या कुछ न मिलने पर भूखे पेट सोना पड़ता| उसने या उसके परिजनों ने न कभी अच्छे वस्त्र पहने थे और न कभी बढ़या भोजन ही किया था|
“Arjuna said, ‘Thou hast addressed me (more than once) as Tapatya. Itherefore wish to know what the precise significance of this word is, Ovirtuous Gandharva, being sons of Kunti, we are, indeed, Kaunteyas. Butwho is Tapati that we should be called Tapatyas?’
रांझा जोगीड़ा, बन आया नी,
वाह सांगी सांग रचाया नी| टेक|
“Vidura said, ‘O monarch, O best of men, thou art respected by threeworlds. Thou, O Bharata, art loved and regarded by every body.
“Lomasa said, ‘Here, O king, is visible the river Samanga, whose formername was Madhuvila, and yonder is the spot named Kardamila, the bathingplace of Bharata.
युधिष्ठिर पांडु का ज्येष्ठ पुत्र था| धर्मराज द्वारा कुंती के आह्वान पर बुलाए जाने पर उनके अंश से ही यह पैदा हुआ था, इसलिए धर्म और न्याय इसके चरित्र में कूट-कूटकर भरा था| इसी के कारण इसको धर्मराज युधिष्ठिर पुकारा जाता था| वह कभी असत्य नहीं बोलता था, तभी शत्रु पक्ष के लोग भी उनकी बात पर पूरा विश्वास करते थे| स्वार्थ के कारण किसी प्रकार अनुचित कार्य करना इनको नहीं सुहाता था|