Home2011March (Page 37)

“The Brahmana said, ‘At that region where the Ganga entered the plainsthere lived a great Rishi, devoted to the austerest of penances. Of rigidvows and great wisdom, he bore the name Bharadwaja. One day, on coming tothe Ganga to perform his ablutions, the Rishi saw the Apsara Ghritachi,who had come before, standing on the bank after her ablutions were over.

एक कुम्हार के पास कई गधे थे| रोज़ सुबह जब वह गधों को मिट्टी लाने के लिए ले जाता तो एक जगह कुछ देर के लिए आराम करता था| वह सभी गधों को पेड़ से बाँध देता और खुद भी एक पेड़ के नीचे लेट जाता|

अश्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र था| कृपी उसकी माता थी| पैदा होते ही वह अश्व की भांति रोया था| इसलिए अश्व की भांति स्थाम (शब्द) करने के कारण उसका नाम अश्वत्थामा पड़ा था| वह बहुत ही क्रूर और दुष्ट बुद्धि वाला था| तभी पिता का उसके प्रति अधिक स्नेह नहीं था|धर्म और न्याय के प्रति उसके हृदय में सभी प्रेरणा नहीं होती थी और न वह किसी प्रकार का आततायीपन करने में हिचकता था|