Home2011March (Page 26)

महाभारत के युद्ध का सत्रहवां दिन समाप्त हो गया था| महारथी कर्ण रणभूमि में गिर चुके थे| पांडव-शिविर में आनंदोत्सव हो रहा था| ऐसे उल्लास के समय श्रीकृष्ण खिन्न थे| वे बार-बार कर्ण की प्रशंसा कर रहे थे, “आज पृथ्वी से सच्चा दानी उठ गया|”

तुमने खरगोश देखा होगा, खरगोश भूरे और सफेद होते हैं| दूसरे भी कई रंगों के खरगोश पाये जाते हैं| कुछ लोग पालते भी हैं| खरगोश को संस्कृत में शशक कहते हैं| खरगोश बहुत छोटा जानवर होने पर भी दौड़ने में बहुत तेज होता है|

यह पाचाकाग्नि को प्रदीप्त करने में समक्ष है तथा वायु विकार को दूर करने में हितकारी है| अत्यन्त शीतल, पाचक और लाभदायक है| इसका मुख्य प्रयोग सब्जी के रूप में किया जाता है| इसकी सब्जी में पोटेशियम, फास्फोरस, आयोडीन आदि पाये जाते हैं| इसमें लोहा, विटामिन-बी ओर प्रोटीन भी पाये जाते हैं| पकाने पर भी इसमें विटामिन-ए नष्ट नहीं होता|