छह प्याले शराब (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर वैसे तो शराब के शौकीन नहीं थे किंतु बढ़ती उम्र के साथ वे शराब कुछ अधिक मात्रा में ही पीने लगे थे|
बादशाह अकबर वैसे तो शराब के शौकीन नहीं थे किंतु बढ़ती उम्र के साथ वे शराब कुछ अधिक मात्रा में ही पीने लगे थे|
यह भोजन का स्वाद मुखर करती है, अग्नि को उत्तेजित करती है तथा दाहजनक होती है| स्वरभंग, अजीर्ण एवं अरुचि को दूर करने में समक्ष है| पाचक होती है और चर्म रोग में लाभ करती है, किन्तु इसका अधिक प्रयोग पेट में अल्सर पैदा कर सकता है| साथ ही अमाशय में गर्मी उत्पन्न करती है, फिर भी विभिन्न रोगों में अत्यन्त लाभकारी है|
1 And Jehovah said unto Moses, Yet one plague more will I bring upon Pharaoh, and upon Egypt; afterwards he will let you go hence: when he shall let you go, he shall surely thrust you out hence altogether.
“Arjuna said, ‘How did Agni and Shoma, in days of yore, attain touniformity in respect of their original nature? This doubt has arisen inmy mind. Do thou dispel it, O slayer of Madhu!’
मानव जीवन में सदा परिवर्तन आता रहता है| वह परिवर्तन किसी न किसी घटना पर होता है और जीवन को बदल कर रख देता है| भक्त सधना कसाई था लेकिन प्रभु भक्त बन गया| आपकी कथा श्रवण कीजिए|
नजला या जुकाम ऐसा रोग है जो किसी भी दिन किसी भी स्त्री या पुरुष को हो सकता है| यह रोग वैसे तो ऋतुओं के आने-जाने के समय होता है लेकिन वर्षा, जाड़े और दो ऋतुओं के बीच के दिनों में ज्यादातर होता है|
1 भीष्म उवाच
ततः परभाते राजेन्द्र सूर्ये विमल उद्गते
भार्गवस्य मया सार्धं पुनर युद्धम अवर्तत